देश में हर 5 साल बाद ग्राम पंचायत का चुनाव , BDC का चुनाव तथा पंचायत सदस्यों का चुनाव आयोजित किया जाता है। लोग इन चुनावों के लिए बहुत ही जोर सोर से तैयारी करते हैं और काफी खर्चा भी करते है। कई लोगों के मन में यह सवाल जरूर रहता होगा की आखिर इन लोगों को क्या सैलरी मिलती है। इस लेख के माध्यम से आज हम आप लोगो को अवगत कराएँगे की ग्राम प्रधान, बीडीसी और पंचायत सदस्य की सैलरी कितनी होती है।
हालाँकि, इन सभी लोगो को (ग्राम प्रधान , बी डी सी तथा को पंचायत सदस्य कई अन्य सुविधाएँ भी मिलती हैं पर आज हम सिर्फ यह बताएँगे कि इनकी सरकार द्वारा मिलने वाली सैलरी कितनी होती है। प्रायः इनकी सैलरी राज्य अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकती है अतः, हम सिर्फ उत्तर प्रदेश में मिलने वाली सैलरी कि बात करेंगे।
ग्राम प्रधान और बीडीसी (BDC) की सैलरी कितनी होती है (UP)?
यूपी में ग्राम प्रधान की सैलरी
अगर बात करें मानदेय कि तो उत्तर प्रदेश में ग्राम प्रधान को मानदेय के रूप में सरकार की तरफ से 3500 रुपये मिलते हैं। हालाँकि यह रकम पहले 1000 रुपये फिर, 2500 थी। उत्तर प्रदेश सहित सभी राज्यों में ग्राम प्रधान को यातायात भत्ता भी दिया जाता है। यह भत्ता राज्यनुसार अलग-अलग हो सकता है।
उत्तर प्रदेश में ग्राम प्रधान को मानदेय के रूप में 3500 तथा यातायात भत्ता के रूप में 15000 म्मिलता है। अतः अगर बात करे कि, उत्तर प्रदेश में सरपंच को एक महीने में कुल कितनी सैलरी मिलती है तो यह 3500+15000= 18500 होगी।
क्यों है यातायात भत्ते का प्रावधान?
ग्राम के कार्य से ग्राम प्रधान को बार-बार मीटिंग और जनपद या फिर तहसील जाना पड़ता है, और जाने आने में किराया लगता है, यही कारन है कि ग्राम प्रधान को अलग से (मानदेय हटाकर) यातायात भत्ता दिया जाता है। ये ग्राम प्रधान के उपर है कि वो इसे खर्च कैसे करते हैं।
बीडीसी (BDC) की सैलरी कितनी होती है?
BDC या फिर क्षेत्र पंचायत सदस्य को भी गांव के ही लोग मतदान द्वारा चुनते हैं। यही खेत्र पंचायत सदस्य ही ब्लॉक प्रमुख को चुनते हैं।
BDC या फिर क्षेत्र पंचायत सदस्य को किसी भी तरह के मानदेय का क्कोई प्रावधान नहीं है। हालाँकि, सर्कार द्वारा इन्हे भी यातायात भत्ता मिलता है। इसके अलावा, इन्हे 500 प्रति बैठक के हिसाब से पंचायत कि हर बैठक में शामिल होने के लिए भी मिलता है।
निष्कर्ष
निष्कर्ष के रूप में, उत्तर प्रदेश (यूपी) में ग्राम प्रधान या सरपंच को मानदेय + यातायात भत्ता मिलाकर कुल 18500 रूपये महीने तथा क्षेत्र पंचायत सदस्य को सिर्फ यातायात भत्ता प्राप्त होता है। हालाँकि, बीडीसी को 500 रूपये हर पंचायत बैठक में शामिल होने पर अलग से मिलता है।